करेंट लगने से युवा हाथी की हुई मौत,पूर्व में तीन हाथी और दो गैंडों की करेंट से हो चुकी है मौत
करेंट लगने से युवा हाथी की हुई मौत,पूर्व में तीन हाथी और दो गैंडों की करेंट से हो चुकी है मौत
श्री न्यूज़ 24
डीपी मिश्रा
पलियकलां-खीरी
दुधवा टाइगर रिजर्व के सठियाना रेंज से लगभग 100 मीटर की दूरी पर नार्थ खीरी फारेस्ट एरिया के बफर जोन में ग्रामनिषाद नगर घोला के राजेंद्र प्रसाद के गन्ने के खेत में लगे विद्युत ट्रांसफार्मर से बिजली का करंट लगने से एक जंगलीनर हाथी उम्र लगभग 40 वर्ष की मृत्यु हो गयी है।सूचना पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं, अनुमान है। डाक्टरों का पैनल उसका पोस्टमार्टम करके मृत्यु के कारण की जानकारी बतायेगे।
उल्लेखनीय है कि इसी तरह की घटना आठ जुलाई 2011 कोनिघासन इलाका के ग्राम दुबहा के पास हुई थी जिसमें तीन हाथीयों की बिजली का करेंट लगने से मौत हुई थी। इतना ही नहीं, इससे पहले भीबिजली का करेंटदुधवा के एक गैंडे की भी जान लें चुका है। लेकिन वन भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को देखने वाला कोई नहीं है।
अतिक्रमण से जंगलों के सिमटने से वन्यजीव अक्सर जंगल के बाहर आ जाते हैं। जिनमें हिरन, चीतल, पाड़ा, सुअर आदि वन्यजीव शिकारियों के निशाने से जहां असमय काल के गालमें समा जाते हैं वहीं अन्य बड़े वन्यजीव बिजली के करेंट अथवा ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गवां देते है।
हाथी के शव काडाक्टरों का पैनल उसका पोस्टमार्टम करके मृत्यु के कारण की जानकारी बतायेगे।
श्री न्यूज़ 24
डीपी मिश्रा
पलियकलां-खीरी
दुधवा टाइगर रिजर्व के सठियाना रेंज से लगभग 100 मीटर की दूरी पर नार्थ खीरी फारेस्ट एरिया के बफर जोन में ग्रामनिषाद नगर घोला के राजेंद्र प्रसाद के गन्ने के खेत में लगे विद्युत ट्रांसफार्मर से बिजली का करंट लगने से एक जंगलीनर हाथी उम्र लगभग 40 वर्ष की मृत्यु हो गयी है।सूचना पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं, अनुमान है। डाक्टरों का पैनल उसका पोस्टमार्टम करके मृत्यु के कारण की जानकारी बतायेगे।
उल्लेखनीय है कि इसी तरह की घटना आठ जुलाई 2011 कोनिघासन इलाका के ग्राम दुबहा के पास हुई थी जिसमें तीन हाथीयों की बिजली का करेंट लगने से मौत हुई थी। इतना ही नहीं, इससे पहले भीबिजली का करेंटदुधवा के एक गैंडे की भी जान लें चुका है। लेकिन वन भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को देखने वाला कोई नहीं है।
अतिक्रमण से जंगलों के सिमटने से वन्यजीव अक्सर जंगल के बाहर आ जाते हैं। जिनमें हिरन, चीतल, पाड़ा, सुअर आदि वन्यजीव शिकारियों के निशाने से जहां असमय काल के गालमें समा जाते हैं वहीं अन्य बड़े वन्यजीव बिजली के करेंट अथवा ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गवां देते है।
हाथी के शव काडाक्टरों का पैनल उसका पोस्टमार्टम करके मृत्यु के कारण की जानकारी बतायेगे।
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