वन्य जीव प्रभावित तराई इलाके में बिजली विभाग का कहर विभाग की लापरवाही के चलते रात के अंधेरे में जीने को मजबूर हुये दर्जनों गांवों के ग्रामीण
वन्य जीव प्रभावित तराई इलाके में बिजली विभाग का कहर विभाग की लापरवाही के चलते रात के अंधेरे में जीने को मजबूर हुये दर्जनों गांवों के ग्रामीण
श्री न्यूज़ 24
रिजवान अली
सिंगाही/तिकुनिया खीरी
जहाँ सूबे के सी एम साहब गांवों में अट्ठाररह घण्टे की बिजली देने का दावा कर रहे हैं वहीं वन्य जीव प्रभावित तराई इलाके में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते दर्जनों गांव के ग्रामीण रात के अंधरे में जीने को मजबूर हैं पावर हाउस तिकुनिया से जुड़े दर्जनों गांव मुर्तिहा, इन्द्रानगर, सिधौना,अयोध्यापुरवा, बेनीपुरवा, पोखरी,निबौरिया बैजनाथपुरवा, आदि गांवों में रात में सप्लाई बाधित रहती है ।
जिसके चलते भीषण गर्मी के महीने में गाँवों में रात्रि में विद्युत सप्लाई न आने से अंधरे की वजह से शर्प दंश की घटनाओं की प्रबल आशंका बनी रहती है वहीं तिकुनिया पावर हाउस से जुड़े अधिकतर गांव वन्य जीव प्रभावित हैं रात के अंधेरे का फायदा उठाकर कहीं किसानो के घरों में मगरमच्छ आ जाते हैं तो कहीं शेर का खतरा बना रहता है पर इसको लेकर यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि उदासीन हैं मात्र चुनावी मौसम में उनको तराई क्षेत्र के गांव याद आते हैं चुनाव जीत जाने के बाद मानों उनका गांवों से दूर दूर तक कोई वास्ता ही नही रह जाता कोई भी जनप्रतिनिधि गांवों में बदहाल बिजली व्यवस्था की सुध लेने वाला नही है अब ऐसे में बिजली विभाग निरंकुश होकर गांवों से सौतेला व्यवहार करते हुये यू पी सरकार की मंशा पर पानी फेरने में कोई कसर नही छोड़ रहे है यदि कोई उपभोक्ता स्थानीय बिजली विभाग के कर्मचारियों से पावर हाउस के फीडर के नम्बर पर सप्लाई के सम्बंध में जानकारी लेना चाहे तो उनका नम्बर ही व्यस्त रहता है यदि नम्बर लग बी जाये तो साहब फोन उठाने की जहमत नही करते.
श्री न्यूज़ 24
रिजवान अली
सिंगाही/तिकुनिया खीरी
जहाँ सूबे के सी एम साहब गांवों में अट्ठाररह घण्टे की बिजली देने का दावा कर रहे हैं वहीं वन्य जीव प्रभावित तराई इलाके में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते दर्जनों गांव के ग्रामीण रात के अंधरे में जीने को मजबूर हैं पावर हाउस तिकुनिया से जुड़े दर्जनों गांव मुर्तिहा, इन्द्रानगर, सिधौना,अयोध्यापुरवा, बेनीपुरवा, पोखरी,निबौरिया बैजनाथपुरवा, आदि गांवों में रात में सप्लाई बाधित रहती है ।
जिसके चलते भीषण गर्मी के महीने में गाँवों में रात्रि में विद्युत सप्लाई न आने से अंधरे की वजह से शर्प दंश की घटनाओं की प्रबल आशंका बनी रहती है वहीं तिकुनिया पावर हाउस से जुड़े अधिकतर गांव वन्य जीव प्रभावित हैं रात के अंधेरे का फायदा उठाकर कहीं किसानो के घरों में मगरमच्छ आ जाते हैं तो कहीं शेर का खतरा बना रहता है पर इसको लेकर यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि उदासीन हैं मात्र चुनावी मौसम में उनको तराई क्षेत्र के गांव याद आते हैं चुनाव जीत जाने के बाद मानों उनका गांवों से दूर दूर तक कोई वास्ता ही नही रह जाता कोई भी जनप्रतिनिधि गांवों में बदहाल बिजली व्यवस्था की सुध लेने वाला नही है अब ऐसे में बिजली विभाग निरंकुश होकर गांवों से सौतेला व्यवहार करते हुये यू पी सरकार की मंशा पर पानी फेरने में कोई कसर नही छोड़ रहे है यदि कोई उपभोक्ता स्थानीय बिजली विभाग के कर्मचारियों से पावर हाउस के फीडर के नम्बर पर सप्लाई के सम्बंध में जानकारी लेना चाहे तो उनका नम्बर ही व्यस्त रहता है यदि नम्बर लग बी जाये तो साहब फोन उठाने की जहमत नही करते.
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