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आवारा पशुओं के उत्पात से किसान परेशान

आवारा पशुओं के उत्पात से किसान परेशान

श्री न्यूज 24 
प्रांशु वर्मा

लखीमपुर

लखीमपुर खीरी जिले के अन्तर्गत तहसील मितौली की ग्राम पंचायत कैमा बुजुर्ग इलाके में घूम रहे आवारा पशु किसानों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत साबित हो रही हैं। दिनों दिन घट रही भूमि की उर्वरा शक्ति के चलते किसानों की कमर उर्वरकों को डालने में ही टूटने लगती है। उसके बाद अनेक रोगों के लिए तरह-तरह के कीटनाशकों का प्रयोग भी किसानों को करना पड़ता है। सरकारी नलकूप पाइपलाइन के अभाव में किसानों की मदद कर पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। इन सब बातों के बावजूद किसी तरह किसान अपनी फसल को तैयार करता है। दर्जनों की संख्या में नीलगायों के झुंड पहले से ही किसानों की फसलों को बर्बाद करने के लिए काफी थे अब पशुपालकों ने गोवंशीय पशुओं को छोड़कर किसानों के लिए और मुसीबत खड़ी कर दी है। सूत्रों की माने तो पशुपालक गोवंशीय पशुओं को उसी समय तक पालते हैं जब तक की वह दूध देने लायक या अन्य काम करने लायक होते हैं। इसके बाद उनको घर से भगा देते हैं। यही कारण है कि इलाके के हर एक गांव में दर्जनों की तादात में आवारा पशु किसानों की फसलों को खुलेआम बर्बाद करते नजर आते हैं। इन्हीं आवारा पशुओं के बीच में कुछ लड़ाकू प्रवृत्ति के पशु आए दिन किसानों को चोट पहुंचाया करते हैं। चुनाव के समय किसानों की समस्याओं का दम भरने वाले जनप्रतिनिधि भी किसानों की इस समस्या से बेखबर बने हुए हैं। रवि तिवारी, अरविंद मिश्रा,रामसरन   ¨सह आदि लोगों का कहना है कि सरकार को ऐसे लोगों को चिन्हित करना चाहिए जिन लोगों ने अपने गोवंशीय पशुओं को छोड़ दिया है। अपना काम निकालने के बाद पशुओं को छोड़ देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे आवारा पशुओं की संख्या पर विराम लग सकता है।

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