सुबह सात बजे तक बना लें खाना,या झेलें जुर्माना
सुबह सात बजे तक बना लें खाना,या झेलें जुर्माना
श्री न्यूज़ 24
प्रांशु वर्मा
लखीमपुर खीरी(बांकेगंज)
गर्मी के मौसम में लगने वाली आग से बचाव के लिए ग्रामीणों ने अनूठा फैसला लिया है। नीमगांव, छेदीपुर, पिपरिया गांव में लगी चौपाल में ग्रामीणों ने तय किया है कि सभी घरों में महिलाएं सुबह सात बजे से पहले ही खाना बना लें, ताकि दोपहर में खाना बनाते समय लगने वाली आग से बचाव किया जा सके। तय किया गया कि सात बजे के बाद यदि किसी के घर में खाना बनता मिला तो उस परिवार से जुर्माना वसूला जाएगा। जुर्माने की यह धनराशि गांव में होने वाली गरीब कन्याओं की शादी में खर्च की जाएगी।
हर साल गर्मी के मौसम में अक्सर दोपहर में खाना बनाते समय चूल्हे से निकली चिंगारी से आग लगने से पूरे-पूरे गांव जलकर राख हो जाते हैं, जिससे लाखों की संपत्ति का नुकसान होने के साथ ही छप्परों के नीचे बंधे दर्जनों पालतू मवेशी भी जिंदा जल जाते हैं। कई बार तो इस आग में फंसकर इंसानों और बच्चों की जान जा चुकी हैं। आग से बचाव के लिए गांवों के लोगों ने रविवार अपने-अपने गांवों में अलग-अलग चौपाल लगाकर यह तय किया कि महिलाएं सुबह सात बजे तक हर हाल में खाना बना लें। कारण, इस समय तेज हवा नहीं चल रही होती, जिससे आग लगने का खतरा भी कम रहता है। ग्रामीणों ने यह भी तय किया कि यदि किसी घर में सुबह सात बजे के बाद खाना पकता पाया गया तो उससे दो हजार रुपये बतौर जुर्माना वसूला जाएगा।
ग्रामीणों ने यह भी फैसला किया कि जुर्माने की यह धनराशि प्रधान के पास जमा होगी। इस धनराशि को गांव में होने वाली किसी गरीब की कन्या की शादी में मदद बतौर खर्च किया जाएगा। इन गांवों की देखादेखी आसपास के अन्य गांवों के ग्रामीणों ने इसका अनुकरण किया है और पंचायत करके इस तरह का फैसला लिया है ग्रामीणों की इस अनूठी पहल से घर-गृहस्थी की बरबादी बचाने के लिए गृहणियों ने गर्मी के मौसम में सुबह सात बजे तक खाना बनाने का संकल्प लिया है।
ग्रामीणों की राय से यह फैसला लिया गया है, जिससे गांव की महिलाओं ने संकल्प लिया है कि वह सुबह सात बजे से पहले ही खाना बनाएंगी, ताकि आग लगने का खतरा न हो। साथ ही यह तय किया गया है कि जुर्माना राशि गरीब कन्याओं की शादी में खर्च होगी,जिससे उनकी मदद होगी।
श्री न्यूज़ 24
प्रांशु वर्मा
लखीमपुर खीरी(बांकेगंज)
गर्मी के मौसम में लगने वाली आग से बचाव के लिए ग्रामीणों ने अनूठा फैसला लिया है। नीमगांव, छेदीपुर, पिपरिया गांव में लगी चौपाल में ग्रामीणों ने तय किया है कि सभी घरों में महिलाएं सुबह सात बजे से पहले ही खाना बना लें, ताकि दोपहर में खाना बनाते समय लगने वाली आग से बचाव किया जा सके। तय किया गया कि सात बजे के बाद यदि किसी के घर में खाना बनता मिला तो उस परिवार से जुर्माना वसूला जाएगा। जुर्माने की यह धनराशि गांव में होने वाली गरीब कन्याओं की शादी में खर्च की जाएगी।
हर साल गर्मी के मौसम में अक्सर दोपहर में खाना बनाते समय चूल्हे से निकली चिंगारी से आग लगने से पूरे-पूरे गांव जलकर राख हो जाते हैं, जिससे लाखों की संपत्ति का नुकसान होने के साथ ही छप्परों के नीचे बंधे दर्जनों पालतू मवेशी भी जिंदा जल जाते हैं। कई बार तो इस आग में फंसकर इंसानों और बच्चों की जान जा चुकी हैं। आग से बचाव के लिए गांवों के लोगों ने रविवार अपने-अपने गांवों में अलग-अलग चौपाल लगाकर यह तय किया कि महिलाएं सुबह सात बजे तक हर हाल में खाना बना लें। कारण, इस समय तेज हवा नहीं चल रही होती, जिससे आग लगने का खतरा भी कम रहता है। ग्रामीणों ने यह भी तय किया कि यदि किसी घर में सुबह सात बजे के बाद खाना पकता पाया गया तो उससे दो हजार रुपये बतौर जुर्माना वसूला जाएगा।
ग्रामीणों ने यह भी फैसला किया कि जुर्माने की यह धनराशि प्रधान के पास जमा होगी। इस धनराशि को गांव में होने वाली किसी गरीब की कन्या की शादी में मदद बतौर खर्च किया जाएगा। इन गांवों की देखादेखी आसपास के अन्य गांवों के ग्रामीणों ने इसका अनुकरण किया है और पंचायत करके इस तरह का फैसला लिया है ग्रामीणों की इस अनूठी पहल से घर-गृहस्थी की बरबादी बचाने के लिए गृहणियों ने गर्मी के मौसम में सुबह सात बजे तक खाना बनाने का संकल्प लिया है।
ग्रामीणों की राय से यह फैसला लिया गया है, जिससे गांव की महिलाओं ने संकल्प लिया है कि वह सुबह सात बजे से पहले ही खाना बनाएंगी, ताकि आग लगने का खतरा न हो। साथ ही यह तय किया गया है कि जुर्माना राशि गरीब कन्याओं की शादी में खर्च होगी,जिससे उनकी मदद होगी।
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