जिले के बॉर्डर पर भारी सुरक्षा तामझाम के बाद एक साल में तीन गुणा अधिक बढ़ी तस्करी,इंडो-नेपाल सीमा सुरक्षा पर लगा सवालिया निशान
जिले के बॉर्डर पर भारी सुरक्षा तामझाम के बाद एक साल में तीन गुणा अधिक बढ़ी तस्करी,इंडो-नेपाल सीमा सुरक्षा पर लगा सवालिया निशान
नेपाल सशस्त्र पुलिस बल ने एक साल के अंदर भारत से तस्करी कर नेपाल पंहुचा तीन करोड़ से अधिक का सामान बरामद किया
भारत-नेपाल सीमा पर तमाम इंतजाम फिर भी तस्करी रोकने में हैं नाकाम
नदी घाटों , प्रस्तावित मार्गों से जारी हैं दोनों देशों के बीच तस्करी-सूत्र
श्री न्यूज़ 24
डीपी मिश्रा
पलियाकलां-खीरी
इंडो-नेपाल सीमा की सुरक्षा के लिए एसएसबी,पलिस, कस्टम आदि तमाम सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हैं। इसके बाद भी जिले की सीमा पर धड़ल्ले से तस्करी चल रही है। पिछले एक साल में सीमा परर तीन गुणा तस्करी में इजाफा हुआ है। यह खलाशा नेपाल पुलिस ने अपनी सालाना रिपोर्ट में किया है, जिसमें एक साल के भीतर भारत से तस्करो द्वारा अवैध रूप सेसीमा पार करके ले जाया गया तीन करोड़ रुपये से अधिक का सामान नेपाल पुलिस ने बरामद कर नेपाल के कस्टम में जमा कराया है।तस्करो की बडी रही गतिविधियों से सीमा की सुरक्षा पर भी सवालिया निअहाँ लग गया है।उल्लेखनीय है कि भारत से अबैध रूप से नेपाल पहुंचा एक साल में तीन करोड़ से अधिक तस्करी का सामान सशस्त्र पुलिस नेपालजिला कैलाली पुलिस ने पकड़ा हैं । इसका खुलासा सशस्त्र पुलिस ने अपनी वाषिर्क प्रगति रिपोर्ट में किया हैं ।
खीरी जिले से कैलाली जिला नेपाल की खुली सीमा खजुरिया से लेकर ति्कोनिया तक भारत से तस्करी कर नेपाल भेजा गया अबैध सामान को एक साल के अंदर नेपाल सशस्त्र पुलिस बल 34 वाहिनी गण कैलाली ने एक वर्ष का तथ्यांक सार्वजनिक करते हुए बताया कि तीन करोड़ चार लाख का तस्करी का सामान पकड़ कर कस्टम (कैलाली तिनगर भंसार) में जमा कराया जा चुका हैं । विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष तीन गुना बढोतरी हुई हैं । भारत से अबैध रूप से नदी घाटों , प्रस्तावित मार्ग से अंकुश लगने के बजाए तस्करी में इजाफा देखा गया हैं । यह जानकारी सशस्त्र पुलिस बल नेपाल नम्बर 34 गण के प्रमुख तथा सशस्त्र पुलिस उपनिरीक्षक विष्णु भट्ट ने रिपोर्ट में दी हैं ।
उल्लेखनीय हैं कि भारत सीमा पर एस एस बी, कस्टम,पुलिस , नागरिक पुलिस , बन बिभाग सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियां चप्पे - चप्पे पर नजरें गडाए रखने का दम भर्ती रहतीं हैं । लेकिन इंतना इंतजाम होने के बाद भी तस्करी रोकने में कामयाबी नहीं मिल रही हैं ।
इससे प्रतीत होता हैं कि भारत - नेपाल की खुली लम्बी सीमा की सुरक्षा ब्यावस्था रामभरोस चल रही हैं । इससे अब सीमा की सुरक्षा पर प्रश्नचिंह लग गया है।
नेपाल सशस्त्र पुलिस बल ने एक साल के अंदर भारत से तस्करी कर नेपाल पंहुचा तीन करोड़ से अधिक का सामान बरामद किया
भारत-नेपाल सीमा पर तमाम इंतजाम फिर भी तस्करी रोकने में हैं नाकाम
नदी घाटों , प्रस्तावित मार्गों से जारी हैं दोनों देशों के बीच तस्करी-सूत्र
श्री न्यूज़ 24
डीपी मिश्रा
पलियाकलां-खीरी
इंडो-नेपाल सीमा की सुरक्षा के लिए एसएसबी,पलिस, कस्टम आदि तमाम सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हैं। इसके बाद भी जिले की सीमा पर धड़ल्ले से तस्करी चल रही है। पिछले एक साल में सीमा परर तीन गुणा तस्करी में इजाफा हुआ है। यह खलाशा नेपाल पुलिस ने अपनी सालाना रिपोर्ट में किया है, जिसमें एक साल के भीतर भारत से तस्करो द्वारा अवैध रूप सेसीमा पार करके ले जाया गया तीन करोड़ रुपये से अधिक का सामान नेपाल पुलिस ने बरामद कर नेपाल के कस्टम में जमा कराया है।तस्करो की बडी रही गतिविधियों से सीमा की सुरक्षा पर भी सवालिया निअहाँ लग गया है।उल्लेखनीय है कि भारत से अबैध रूप से नेपाल पहुंचा एक साल में तीन करोड़ से अधिक तस्करी का सामान सशस्त्र पुलिस नेपालजिला कैलाली पुलिस ने पकड़ा हैं । इसका खुलासा सशस्त्र पुलिस ने अपनी वाषिर्क प्रगति रिपोर्ट में किया हैं ।
खीरी जिले से कैलाली जिला नेपाल की खुली सीमा खजुरिया से लेकर ति्कोनिया तक भारत से तस्करी कर नेपाल भेजा गया अबैध सामान को एक साल के अंदर नेपाल सशस्त्र पुलिस बल 34 वाहिनी गण कैलाली ने एक वर्ष का तथ्यांक सार्वजनिक करते हुए बताया कि तीन करोड़ चार लाख का तस्करी का सामान पकड़ कर कस्टम (कैलाली तिनगर भंसार) में जमा कराया जा चुका हैं । विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष तीन गुना बढोतरी हुई हैं । भारत से अबैध रूप से नदी घाटों , प्रस्तावित मार्ग से अंकुश लगने के बजाए तस्करी में इजाफा देखा गया हैं । यह जानकारी सशस्त्र पुलिस बल नेपाल नम्बर 34 गण के प्रमुख तथा सशस्त्र पुलिस उपनिरीक्षक विष्णु भट्ट ने रिपोर्ट में दी हैं ।
उल्लेखनीय हैं कि भारत सीमा पर एस एस बी, कस्टम,पुलिस , नागरिक पुलिस , बन बिभाग सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियां चप्पे - चप्पे पर नजरें गडाए रखने का दम भर्ती रहतीं हैं । लेकिन इंतना इंतजाम होने के बाद भी तस्करी रोकने में कामयाबी नहीं मिल रही हैं ।
इससे प्रतीत होता हैं कि भारत - नेपाल की खुली लम्बी सीमा की सुरक्षा ब्यावस्था रामभरोस चल रही हैं । इससे अब सीमा की सुरक्षा पर प्रश्नचिंह लग गया है।
Post a Comment