सिंचाई विभग्ग की जमीन पर अवैध कब्जा जमाए हैं भूमाफिया
सिंचाई विभग्ग की जमीन पर अवैध कब्जा जमाए हैं भूमाफिया
श्री न्यूज़ 24
डीपी मिश्र
लखीमपुर/तिकोनियाँ -खीरी
एक कहावत है हींग लगे न फिटकरी रंग चोखा वह कहावत ग्राम पंचायत खैरटिया में बिल्कुल सटीक बैठ रही है फोकट की सरकारी जमीन पर कब्जा कर धान और गन्ने की फसल लगाकर जमकर दाम पैदा कर रहे हैं भू माफिया इन पर नही हो रही है कोई कार्यवाही अगर पुलिस या कोई अन्य इस गलत कार्य पर उंगली उठाने का प्रयास करता तो दस बीस हजार रुपए देकर बोलती बंद करा देने का हुनर बाखुबी जानते हैं यह और इतने रूपए में इनका कुछ नहीं बिगड़ेगा बस इनके विरुद्ध आवाज उठाने वाले का सर्वर जरूर दब जाएगा दस सौ एकड़ पर फसल पैदा की जा रही है जमीन है सिंचाई विभाग खण्ड शारदा नगर लखीमपुर खीरी की जिस पर प्रधान सहित कई लोगों ने किया अवैध तरीके से कब्जा इसकी खबर जब दैनिक जन एक्सप्रेस न्यूज़ पेपर संवादाता को लगी तो उन्होंने इतने बड़े गोरखधंधे की खबर अपने पेपर में प्रमुखता से 1अगस्त को प्रकाशित की फिर भी कोई कार्यवाही नही हुई इससे इन भूमिकाओं के कद का अंदाजा बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है सूत्रों से मिली जानकारी पर अगर इस पूरे मामले की जांच हो तो कई विभागीय अधिकारियो के चेहरे बेनकाब होंगे और सामने आएंगे ऐसे चेहरे जो पैसे लेकर जमीन को कब्जा करवाने में अहेम भूमिका निभाते हैं जिनकी शह पर भूमाफिया बेखौफ होकर खेती कर रहे हैं लोगों की बात मानें तो सिंचाई विभाग की भूमि पर वर्षो से कृषि कार्य हो रहा है साथ ही विभाग यह जानते हुए भी उनके पास कृषि की इतनी जमीन पड़ी हुई हैं फिर भी बंदोबस्त क्यो नही किया गया सबको जानकारी है तो विभागीय अधिकारी और कर्मचारी क्या कर रहे हैं यह सारे सवाल विभागीय अधिकारियों को कठघरे में खड़ा करते हैं अब सवाल यह उठता है कि विभाग की जमीन का बंदोबस्त नहीं होने से प्रतिवर्ष लाखों रुपए के राजस्व का नुक़सान हो रहा है लेकिन मामले में हिला हवाली क्यो जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से भाग भूमाफियाओं को खुली छूट दे रखा है।
श्री न्यूज़ 24
डीपी मिश्र
लखीमपुर/तिकोनियाँ -खीरी
एक कहावत है हींग लगे न फिटकरी रंग चोखा वह कहावत ग्राम पंचायत खैरटिया में बिल्कुल सटीक बैठ रही है फोकट की सरकारी जमीन पर कब्जा कर धान और गन्ने की फसल लगाकर जमकर दाम पैदा कर रहे हैं भू माफिया इन पर नही हो रही है कोई कार्यवाही अगर पुलिस या कोई अन्य इस गलत कार्य पर उंगली उठाने का प्रयास करता तो दस बीस हजार रुपए देकर बोलती बंद करा देने का हुनर बाखुबी जानते हैं यह और इतने रूपए में इनका कुछ नहीं बिगड़ेगा बस इनके विरुद्ध आवाज उठाने वाले का सर्वर जरूर दब जाएगा दस सौ एकड़ पर फसल पैदा की जा रही है जमीन है सिंचाई विभाग खण्ड शारदा नगर लखीमपुर खीरी की जिस पर प्रधान सहित कई लोगों ने किया अवैध तरीके से कब्जा इसकी खबर जब दैनिक जन एक्सप्रेस न्यूज़ पेपर संवादाता को लगी तो उन्होंने इतने बड़े गोरखधंधे की खबर अपने पेपर में प्रमुखता से 1अगस्त को प्रकाशित की फिर भी कोई कार्यवाही नही हुई इससे इन भूमिकाओं के कद का अंदाजा बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है सूत्रों से मिली जानकारी पर अगर इस पूरे मामले की जांच हो तो कई विभागीय अधिकारियो के चेहरे बेनकाब होंगे और सामने आएंगे ऐसे चेहरे जो पैसे लेकर जमीन को कब्जा करवाने में अहेम भूमिका निभाते हैं जिनकी शह पर भूमाफिया बेखौफ होकर खेती कर रहे हैं लोगों की बात मानें तो सिंचाई विभाग की भूमि पर वर्षो से कृषि कार्य हो रहा है साथ ही विभाग यह जानते हुए भी उनके पास कृषि की इतनी जमीन पड़ी हुई हैं फिर भी बंदोबस्त क्यो नही किया गया सबको जानकारी है तो विभागीय अधिकारी और कर्मचारी क्या कर रहे हैं यह सारे सवाल विभागीय अधिकारियों को कठघरे में खड़ा करते हैं अब सवाल यह उठता है कि विभाग की जमीन का बंदोबस्त नहीं होने से प्रतिवर्ष लाखों रुपए के राजस्व का नुक़सान हो रहा है लेकिन मामले में हिला हवाली क्यो जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से भाग भूमाफियाओं को खुली छूट दे रखा है।
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