गरीबों के मसीहा बने दुधवा पार्क के कमांडो दारोगा मनोज मौर्या
गरीबों के मसीहा बने दुधवा पार्क के कमांडो दारोगा मनोज मौर्या
श्री न्यूज़ 24
डीपी मिश्रा
पलियाकलां-खीरी
दुधवा नेशनल पार्क की गौरीफंटा रेंज में तैनात वन दरोगा मनोज मौर्या उर्फ कमाण्डो जो शिकारियों एवं लकड़ी तस्करों के लिए जितने ज्यादा कुख्यात माने जाते हैं। उससे कहीं अधिक दयालुता एवं सेवाभाव भी उनके अन्दर है। भारत-नेपाल केगौरीफंटा बॉर्डर एवं पड़ोसी देश नेपाल के शहर धनगढ़ी में लोग कहावत कहते हैं कि जिसका कोई नहीं उसका कमाण्डो है। उस कहावत को अब कमाण्डो चरितार्थ भी कर रहे हैं।बाईटदो दिनपूर्व पलिया नगर के पाण्डेय बाबा मन्दिर पर एक अनाथ बुजुर्ग व्यक्ति बहुत ही दीन हीन मरणासन्न अवस्था में था जो बीमार भी था व आंखों से उसे दिख भी नहीं रहा था। मन्दिर जाते वक्त जब उस असहाय व्यक्ति पर कमाण्डो साहब की दृष्टि पड़ी, तो उन्होने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती वर्षा मौर्या को बुलाया और दोनों पति पत्नी उस अनाथ वृद्ध को उठाकर घर ले आये अब वह असहायबुजुर्ग की दो दिन से श्रीमती वर्षा मौर्या एवं कमाण्डो साहब उस अनाथ वृद्ब की सेवा में लगे हुए हैं जहां श्रीमती वर्षा मौर्या अनाथ बुजुर्ग को नहलाने धुलाने की सेवा में लगी हुई हैं वहीं श्री कमाण्डो साहब घर पर ही चिकित्सक बुलाकर उस बुजुर्ग का इलाज कराने में मशगूल हैं।इसे कहते हैं जिसका कोई सहारा नहीं उसका सहारा कमाण्डो साहब हैं।धन्य ऐसे पति पत्नी।वैसे सर्दियों में भी गौरीफंटा बॉर्डर पर श्री कमाण्डो साहब काफी गरीबों एवं जरूरत मंदों को कम्बल आदि देकर मदद करते हुए नजर आते रहते हैं।
श्री न्यूज़ 24
डीपी मिश्रा
पलियाकलां-खीरी
दुधवा नेशनल पार्क की गौरीफंटा रेंज में तैनात वन दरोगा मनोज मौर्या उर्फ कमाण्डो जो शिकारियों एवं लकड़ी तस्करों के लिए जितने ज्यादा कुख्यात माने जाते हैं। उससे कहीं अधिक दयालुता एवं सेवाभाव भी उनके अन्दर है। भारत-नेपाल केगौरीफंटा बॉर्डर एवं पड़ोसी देश नेपाल के शहर धनगढ़ी में लोग कहावत कहते हैं कि जिसका कोई नहीं उसका कमाण्डो है। उस कहावत को अब कमाण्डो चरितार्थ भी कर रहे हैं।बाईटदो दिनपूर्व पलिया नगर के पाण्डेय बाबा मन्दिर पर एक अनाथ बुजुर्ग व्यक्ति बहुत ही दीन हीन मरणासन्न अवस्था में था जो बीमार भी था व आंखों से उसे दिख भी नहीं रहा था। मन्दिर जाते वक्त जब उस असहाय व्यक्ति पर कमाण्डो साहब की दृष्टि पड़ी, तो उन्होने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती वर्षा मौर्या को बुलाया और दोनों पति पत्नी उस अनाथ वृद्ध को उठाकर घर ले आये अब वह असहायबुजुर्ग की दो दिन से श्रीमती वर्षा मौर्या एवं कमाण्डो साहब उस अनाथ वृद्ब की सेवा में लगे हुए हैं जहां श्रीमती वर्षा मौर्या अनाथ बुजुर्ग को नहलाने धुलाने की सेवा में लगी हुई हैं वहीं श्री कमाण्डो साहब घर पर ही चिकित्सक बुलाकर उस बुजुर्ग का इलाज कराने में मशगूल हैं।इसे कहते हैं जिसका कोई सहारा नहीं उसका सहारा कमाण्डो साहब हैं।धन्य ऐसे पति पत्नी।वैसे सर्दियों में भी गौरीफंटा बॉर्डर पर श्री कमाण्डो साहब काफी गरीबों एवं जरूरत मंदों को कम्बल आदि देकर मदद करते हुए नजर आते रहते हैं।
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