आवारा पशुओं की समस्या से परेशान कैमा बुजुर्ग के किसान
आवारा पशुओं की समस्या से परेशान कैमा बुजुर्ग के किसान
श्री न्यूज 24
प्रांशु वर्मा
लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी जिले के अंतर्गत तहसील के क्षेत्र कैमा बुजुर्ग में आवारा पशुओं द्वारा फसलों को बर्बाद किए जाने की समस्या को लेकर ग्राम पंचायत कैमा बुजुर्ग के किसानो के दिल बैठ गए हैं। किसानों ने कहा घर रही की रात मा खेत में चौकीदारी करी सब फसल यही आवारा सांड लील के बैठे हैं
भारतीय किसान यूनियन लोकतांत्रिक के ब्लॉक अध्यक्ष रवि तिवारी ने प्रशासन से अनुरोध किया कि जल्द से जल्द कोड रूपी समस्या बनी हुई आवारा पशुओं के आतंक को बंद किया जाए तथा किसानों के चेहरे पर हरियाली लाइए पर प्रशासन अभी मोन है
आवारा पशुओं की बढती संख्या से फसलों पर संकट
वहीं किसान कहते हैं कि खेतों में बाड़ और मचान बनाने के बावजूद भी फसलें बच नहीं पा रही हैं। तपती धूप में की धूल भरी आंधियों के बीच में रात को भी फसलों की निगरानी करनी पड़ रही है किन्तु मौका पाते ही दर्जनों की संख्या में झुंड बना कर चल रहे छुट्टा पशु फसल को बर्बाद कर दे रहे हैं।
किसानों की समस्याओं को कोई नहीं सुनने वाला है। किसानों के आय का प्रमुख श्रोत यही फसल है। पहले नीलगाय, सूअर जैसे जंगली जानवर ही फसल को नुकसान करते थे अब छुट्टा पशुओं का आतंक सपनों पर पानी फेर रहा है।खेतों में छुट्टा पशुओं का झुंड आता है और खड़ी फसल को खराब कर पैरों से रौंद कर चले जाते हैं। सुरक्षा के लिए खेत के चारों ओर तारों की बाड़ लगा रखी है लेकिन पशुओं के झुंड तारों की बाड़ को लांघकर खेतों में घुस जाते हैं। जब तक खेत में पहुंचते है तब तक पशुओं का झुंड फसल को पूरी तरह नष्ट देता है। फसलों को जंगली जानवर रात में झुंड़ में आकर बर्बाद कर दे रहे हैं। अब तो स्थिति इतनी खराब हो गई है कि किसान रात ही नहीं बल्कि दिन में भी अपने फसलों की रखवाली कर रहे हैं। परेशान किसानों ने बताया कि यह समस्या एक दो दिन नहीं बल्कि कई बीते महीनों से है।
श्री न्यूज 24
प्रांशु वर्मा
लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी जिले के अंतर्गत तहसील के क्षेत्र कैमा बुजुर्ग में आवारा पशुओं द्वारा फसलों को बर्बाद किए जाने की समस्या को लेकर ग्राम पंचायत कैमा बुजुर्ग के किसानो के दिल बैठ गए हैं। किसानों ने कहा घर रही की रात मा खेत में चौकीदारी करी सब फसल यही आवारा सांड लील के बैठे हैं
भारतीय किसान यूनियन लोकतांत्रिक के ब्लॉक अध्यक्ष रवि तिवारी ने प्रशासन से अनुरोध किया कि जल्द से जल्द कोड रूपी समस्या बनी हुई आवारा पशुओं के आतंक को बंद किया जाए तथा किसानों के चेहरे पर हरियाली लाइए पर प्रशासन अभी मोन है
आवारा पशुओं की बढती संख्या से फसलों पर संकट
वहीं किसान कहते हैं कि खेतों में बाड़ और मचान बनाने के बावजूद भी फसलें बच नहीं पा रही हैं। तपती धूप में की धूल भरी आंधियों के बीच में रात को भी फसलों की निगरानी करनी पड़ रही है किन्तु मौका पाते ही दर्जनों की संख्या में झुंड बना कर चल रहे छुट्टा पशु फसल को बर्बाद कर दे रहे हैं।
किसानों की समस्याओं को कोई नहीं सुनने वाला है। किसानों के आय का प्रमुख श्रोत यही फसल है। पहले नीलगाय, सूअर जैसे जंगली जानवर ही फसल को नुकसान करते थे अब छुट्टा पशुओं का आतंक सपनों पर पानी फेर रहा है।खेतों में छुट्टा पशुओं का झुंड आता है और खड़ी फसल को खराब कर पैरों से रौंद कर चले जाते हैं। सुरक्षा के लिए खेत के चारों ओर तारों की बाड़ लगा रखी है लेकिन पशुओं के झुंड तारों की बाड़ को लांघकर खेतों में घुस जाते हैं। जब तक खेत में पहुंचते है तब तक पशुओं का झुंड फसल को पूरी तरह नष्ट देता है। फसलों को जंगली जानवर रात में झुंड़ में आकर बर्बाद कर दे रहे हैं। अब तो स्थिति इतनी खराब हो गई है कि किसान रात ही नहीं बल्कि दिन में भी अपने फसलों की रखवाली कर रहे हैं। परेशान किसानों ने बताया कि यह समस्या एक दो दिन नहीं बल्कि कई बीते महीनों से है।
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