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आशा के विपरीत बदलते लोकतांत्रिक चुनावी राजनैतिक परिदृश्य और आगामी लोकसभा चुनाव पर विशेष

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आशा के विपरीत बदलते लोकतांत्रिक चुनावी राजनैतिक परिदृश्य और आगामी लोकसभा चुनाव पर विशेष-
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✒सुप्रभात-सम्पादकीय✒
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साथियोंं.

इस देश में प्रजातांत्रिक लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित करते समय लोकतंत्र एवं राजनीति  के जिस स्वरूप की कल्पना इसे स्थापित करने वालों ने की होगी वह आज देश के सभी राज्यों में चंहुदिस दिखाई पड़ रही है। सभी जानते हैं कि हमारा देश अपनी धर्मनिरपेक्षता के चलते एक ऐसे गुलदस्ते जैसा है जिस में तरह-तरह के फूल उसे शोभायमान बना रहे हैं। प्रजातांत्रिक व्यवस्था में प्रजा को अपना राजा अथवा संरक्षक चुनने का अधिकार होता है और यही लोकतंत्र की खूबसूरती एवं पहचान होती है जिसमें जनता जिसे चाहती है उसे अपना लोकतांत्रिक राजा,अपना अगुआ, अपना संरक्षक,अपना प्रवक्ता पैरोकार बना लेती है। राजनीत में नीतियों, रीतियों, विचारों,  कार्यशैली एवं राष्ट्रभक्ति की भावना देख कर जन प्रतिनिधि का चुनाव बंद मतदान करके जनता करती हैं। राजनीति में जनप्रतिनिधि बनने के लिए उम्मीदवारों को  मतदाताओं के समक्ष अपनी कड़ी परीक्षा देनी पड़ती है। आज की बदलती राजनीति में राजनीति के नैतिक मूल्यों की जगह तरह तरह के काम चलाऊं नैतिक मूल्य जनता के सामने क्षणिक चुनावी लाभ के लिए प्रदर्शित किए जाने लगे हैं। जन प्रतिनिधि का चुनाव करना अपने आका भगवान का चुनाव करना कैसे होता है क्योंकि चुनाव से पहले मतदाता भगवान होता है लेकिन चुनाव हो जाने के बाद वह उसका भगवान स्वरूप हो जाता है। चुनाव करने से पहले मतदाता को भगवान माना जाता है लेकिन चुनाव में जीत जाने के बाद चुने गए जनप्रतिनिधि को भगवान माना जाता है। आजादी मिलने के बाद बीते इन छह दशकों में राजनीति का स्वरूप गिरगिट की तरह रंग बदलता जा रहा है। मतदाताओं को लुभाने का आधार जाति धर्म संप्रदाय राज्य भगवान देवी देवता अल्लाह मियां होते जा रहे हैं। इनके सामने मतदाता जिन मुद्दों को लेकर बीते 5 सालों में उद्धेलित रहता है वह चुनाव के आते ही चुनावी माहौल में सारे भूलने बैठने को मजबूर हो जाता है। चुनाव के दौरान मतदाता की भी अग्नि परीक्षा कैसे होती है जिसमें उसको बहुत संभलकर अपने मत का प्रयोग करना होता है। कहते हैं कि लोग दो की गगरी खरीदते समय भी लोग उससे ठोंक बजा कर पहले देख लेते हैं लेकिन दुर्भाग्य हमारे देश का यह है कि यहां पर चुनाव आने पर 5 साल के लिये अपने भाग्य विधाता का चयन करने के समय मतदाता भगवान धर्म संप्रदाय लिंग जातिवाद की भावना के वशीभूत होकर मतदान जैसे    गृहस्वामी अपने घर का चौकीदार तैनात करते करने के बाद सुरक्षा के लिए लाठी देने कोई चूक नहीं करता है उसी तरह मतदाता का भी यह दायित्व बनता है कि वह इस लोकतांत्रिक महापर्व में अपनी मतदानरूपी आहुति देते समय शुद्ध चित्र मन मोह माया लोभ काम क्रोध मद लोभ  से दूर रहकर अपने मत का प्रयोग मतदान केंद्र रूपी प्रजातांत्रिक मंदिर में जाएं। आगामी लोकसभा चुनाव राजनीति के बिल्कुल बदलते तेवर के साथ हो रहा है और राजनीति के मुद्दे गौंड़ बनते जा रहे हैं। जिस राजनैतिक चुनावी कल्पना चुनाव होने से पहले न की गई होगी वह सामने दिखाई दे रहा है। अब तक राम भगवान अल्लाह मियां को ही चुनावी महोत्सव में रखा गया था लेकिन इस बार अली और बजरंगबली भी दलित बनवासी बन करके इस चुनाव के मुद्दा बन गए विकास भ्रष्टाचार राष्ट्र विरोधी हरकतें देश का साम्राज्यवाद चुनावी लाभ के लिए परिदृश्य से हटते नजर आने लगे है।चुनावी लाभ के लिए कोई जम्मू कश्मीर में अपना प्रधानमंत्री बनाने की बात कर रहा है तो कोई चौकीदार को चोर बता रहा है तो कोई बजरंगबली को दलित से बजरंग अली बनाकर दुश्मन की नली तोड़ने की बात कर रहा है तो कोई किसी को लैला मजनू कह रहा है तो कोई किसी को बेईमान चौकीदार और बुआ बबुआ का बेमल साथ बता रहा है तो कोई अपने मां बाप की राजनीतिक रियासत में अपने भाई को अन्याई बता रहा है। एक तरफ जहां लोग जहाँ निरहुआ से लेकर देश के प्रधानमंत्री एवं भाजपा नेता मोदी के नवरात्र व्रत को लेकर चर्चा हो रही है तो दूसरी तरफ मोदी की भाषा में नामदार लोगों की पार्टी की तरफ से उन्हें घेरने के लिए उनके सामने अपनी पार्टी के भविष्य को दांव पर लगाने की बात की जाने लगी है। आगामी लोकसभा का चुनाव तेजी से बदलता परिदृश्य अनिश्चितता को बढ़ाने वाला होता जा रहा है। इस लोकतांत्रिक महोत्सव में मतदाता क्या रंग खिलाएगा इसे खुदा भगवान भी नहीं जा सकता है। हम इस प्रजातांत्रिक व्यवस्था की नींव की मजबूती प्रदान करने वाले  महापर्व पर  बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं  और इस महापर्व में  मतदान मैं शत प्रतिशत शामिल होने का आमंत्रण देते हैं।धन्यवाद।। भूल चूक गलती माफ।। सुप्रभात? वंदे मातरम/ गुड मॉर्निंग/ नमस्कार/ आदाब/ शुभकामनाएं।।। ऊँ भूर्भुवः स्वः-----/ ऊँ नमः शिवाय।।।
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 भोलानाथ मिश्र
 वरिष्ठ पत्रकार समाजसेवी 
रामसनेहीघाट बाराबंकी  यूपी।
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