नए मोटर व्हीकल एक्ट से वाहन स्वामियों में मचा हड़कंप कागज दुरुस्त कराने की मची होड़
नए मोटर व्हीकल एक्ट से वाहन स्वामियों में मचा हड़कंप कागज दुरुस्त कराने की मची होड़
श्री न्यूज़ 24
आलोक कुमार वर्मा
लखीमपुर खीरी
मोटर व्हीकल (एमवी) एक्ट में संशोधन से जुर्माने की बढ़ी दरों से भयभीत वाहन मालिक लाइसेंस, प्रदूषण सर्टिफिकेट और आरसी जैसे महत्वपूर्ण कागजों को दुरुस्त कराने में जुटे हैं। इसका लाभ एआरटीओ दफ्तर में सक्रिय रहने वाले दलाल तो उठा ही रहे हैं, अब प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाने के लिए भी केंद्र खोल लिए गए हैं। इन केंद्रों पर जांच करने के लिए मशीनें सजा रखी हैं, प्रदूषण मानक से कम निकले या ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ता। मांगा गया मनमाना शुल्क देने पर सर्टिफिकेट मिल ही जाता है।
लखनऊ के उप परिवहन आयुक्त परिक्षेत्र से ट्रेड सर्टिफिकेट हासिल करके प्रदूषण जांच केंद्र के लिए बेंगलुरू और हैदराबाद से मशीनें मंगाई गई है। इनकी कीमत करीब दो लाख बताई जा रही है। पेट्रोल वाहनों की प्रदूषण जांच के लिए 30 रुपये प्रति वाहन और डीजल से चलने वाले वाहनों का जांच शुल्क 50 रुपये निर्धारित है। शहर के नामी प्रतिष्ठान में संचालित प्रदूषण जांच केंद्र पर पेट्रोल वाहन के भी 50 रुपये वसूले जा रहे हैं। इसका खुलासा इस बात से हुआ कि प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट पर 30 रुपये ही शुल्क अंकित किया गया है। जबकि फर्म के नाम से काटी गई रसीद पर 50 रुपये शुल्क दर्शाया गया है। इससे वाहन स्वामी भी प्रदूषण केंद्र संचालकों की कारगुजारी को जल्द भांप नहीं पाता है।
एमवी एक्ट में प्रावधान है कि वाहनों के प्रदूषण का सर्टिफिकेट होना जरूरी है, जिसके न होने पर वाहन स्वामी से 10 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। लिहाजा वाहनों के प्रदूषण का सर्टिफिकेट बनवाने के लिए प्रदूषण जांच केंद्रों पर भीड़ बढ़ गई है। जनपद में सात प्रदूषण जांच केंद्र हैं, जिनमें एक गोला, एक मोहम्मदी, एक पलिया और चार लखीमपुर में हैं। दोपहिया वाहनों से 30 रुपये और चौपहिया वाहनों से 50 रुपये फीस निर्धारित है। जबकि जांच केंद्रों पर दोपहिया वाहन के 50 रुपये और चौपहिया वाहन के 100 रुपये वसूले जा रहे हैं।
एआरटीओ प्रशासन बीके सिंह ने 15 साल बाद रिन्यूवल न कराने वाले 276 वाहनों के पंजीकरण निलंबित कर दिए हैं। इसके अलावा 23 चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किए हैं। एआरटीओ ने बताया कि 20 चालकों के डीएल ओवरलोडिंग के चलते निलंबित किए गए हैं। जिन वाहनों के पंजीकरण निलंबित हुए हैं, उन्हें छह माह के अंदर रिन्यूवल कराना हैै। इसके बाद पंजीकरण स्वत: निरस्त हो जाएगा।
श्री न्यूज़ 24
आलोक कुमार वर्मा
लखीमपुर खीरी
मोटर व्हीकल (एमवी) एक्ट में संशोधन से जुर्माने की बढ़ी दरों से भयभीत वाहन मालिक लाइसेंस, प्रदूषण सर्टिफिकेट और आरसी जैसे महत्वपूर्ण कागजों को दुरुस्त कराने में जुटे हैं। इसका लाभ एआरटीओ दफ्तर में सक्रिय रहने वाले दलाल तो उठा ही रहे हैं, अब प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाने के लिए भी केंद्र खोल लिए गए हैं। इन केंद्रों पर जांच करने के लिए मशीनें सजा रखी हैं, प्रदूषण मानक से कम निकले या ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ता। मांगा गया मनमाना शुल्क देने पर सर्टिफिकेट मिल ही जाता है।
लखनऊ के उप परिवहन आयुक्त परिक्षेत्र से ट्रेड सर्टिफिकेट हासिल करके प्रदूषण जांच केंद्र के लिए बेंगलुरू और हैदराबाद से मशीनें मंगाई गई है। इनकी कीमत करीब दो लाख बताई जा रही है। पेट्रोल वाहनों की प्रदूषण जांच के लिए 30 रुपये प्रति वाहन और डीजल से चलने वाले वाहनों का जांच शुल्क 50 रुपये निर्धारित है। शहर के नामी प्रतिष्ठान में संचालित प्रदूषण जांच केंद्र पर पेट्रोल वाहन के भी 50 रुपये वसूले जा रहे हैं। इसका खुलासा इस बात से हुआ कि प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट पर 30 रुपये ही शुल्क अंकित किया गया है। जबकि फर्म के नाम से काटी गई रसीद पर 50 रुपये शुल्क दर्शाया गया है। इससे वाहन स्वामी भी प्रदूषण केंद्र संचालकों की कारगुजारी को जल्द भांप नहीं पाता है।
एमवी एक्ट में प्रावधान है कि वाहनों के प्रदूषण का सर्टिफिकेट होना जरूरी है, जिसके न होने पर वाहन स्वामी से 10 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। लिहाजा वाहनों के प्रदूषण का सर्टिफिकेट बनवाने के लिए प्रदूषण जांच केंद्रों पर भीड़ बढ़ गई है। जनपद में सात प्रदूषण जांच केंद्र हैं, जिनमें एक गोला, एक मोहम्मदी, एक पलिया और चार लखीमपुर में हैं। दोपहिया वाहनों से 30 रुपये और चौपहिया वाहनों से 50 रुपये फीस निर्धारित है। जबकि जांच केंद्रों पर दोपहिया वाहन के 50 रुपये और चौपहिया वाहन के 100 रुपये वसूले जा रहे हैं।
एआरटीओ प्रशासन बीके सिंह ने 15 साल बाद रिन्यूवल न कराने वाले 276 वाहनों के पंजीकरण निलंबित कर दिए हैं। इसके अलावा 23 चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किए हैं। एआरटीओ ने बताया कि 20 चालकों के डीएल ओवरलोडिंग के चलते निलंबित किए गए हैं। जिन वाहनों के पंजीकरण निलंबित हुए हैं, उन्हें छह माह के अंदर रिन्यूवल कराना हैै। इसके बाद पंजीकरण स्वत: निरस्त हो जाएगा।
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