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बॉर्डर की करीबी बनगवां व सूंडा मंडी तस्करों की बनी शरणगाह

बॉर्डर की करीबी बनगवां व सूंडा मंडी तस्करों की बनी शरणगाह

सुरक्षा एजेंसियां जानकर भी बनी अंजान 

सीमा सुरक्षा पर लगा प्रश्नचिन्ह

श्री न्यूज़ 24
डीपी मिश्र

पलियाकलां-खीरी

तहसील इलाका के इंडो नेपाल सीमा के करीब गवर्मेन्ट ग्रांट एक्ट की भूमि पर अवैध रूप से बसी  बनगवां व सूंडा मंडी तस्करी का अड्डा बन गई है। सुरक्षा एजेंसियों का संरक्षण प्राप्त सीमा क्षेत्र में सक्रिय सफेदपोश हिस्ट्रीशीटर तस्कर अब संगठित गिरोह बनाकर काले कारनामों को खुले आम अंजाम दे रहे हैं। सीमा के सजग पहरेदार निजी स्वार्थ के चलते सबकुछ जानकर भी अनजान बने हुए हैं। जिसके चलते संधिग्ध कार्यों में लिप्त कुख्यात  सफ़ेदपोश तस्करों के हौसले बुलंद हैं।
उललेखनीय है कि भारत-नेपाल खुली सीमा को विभाजित करने वाली मोहना नदी  के करीब आबाद सूंडा मंडी में सक्रिय हिसट्रीशीटर तथा संधिग्ध कार्यों में लिप्त सफेदपोश तस्करो के लिए वरदान साबित हो रही है जिसके चलते सीमा पर तैनात सजग पहरेदार की निष्क्रियता के चलते तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है।सूत्रों की माने तो इन दिनों सीमा के सजग पहरेदारों का संरक्षण प्राप्त तस्कर भारत से हार्डवेयर, कपड़ा, स्टेस्नुरी, किराना, खाद सीमेंट, कीटनाशक दवा,  ब्राउन शुगर एवम विस्फोट सामग्री सोरा  व गंधक  तथा पटाखा  आदि विस्फोटक पदार्थ जहां नेपाल भेज रहे हैं। बही नेपाल से सिगरेट, गुटखा(पान मशाला) कालीमिर्च, रामदाना, मादक पदार्थ चरस एवम जाली करेंसी की भारत के नगर तथा महानगरों में सप्लाई कर रहे हैं। अपने काले कारनामों को अंजाम देने के लिए सूंडा  व वनगवाँ मंडी एवम नेपाल के संगठित तस्करो ने आपसी चंदे से मोहना नदी पर नेपाल साईड में लकड़ी का पुल बना रखा है जिससे तस्करी का माल लाने व लेजाने में  सहायक साबित हो रहा है।जब सीमा सुरक्षा एजेंसियां जहां कड़ी निगरानी का दावा करती रहती हैं। वहीं तस्करों का नेटवर्क पूरी तरह सक्रियता से लगा हुआ है। इससे सीमा की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग गया है।

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