सरकारी असहलो के दुरुपयोग को रोकने को की अठाया कदम कारतूस की होगी जांच
सरकारी असहलो के दुरुपयोग को रोकने को की अठाया कदम कारतूस की होगी जांच
श्री न्यूज़ 24
आलोक कुमार वर्मा
लखीमपुर
उत्तर प्रदेश प्रदेश के पुलिस मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने सुझाव दिया है कि सभी जिलों की पुलिस लाइन में कैंप लगाकर हर एक असलहे पर दर्ज कारतूस और खोखे की चेकिंग कराई जाए
सरकारी असलहों के दुरुपयोग को रोकने को उठाया कदम, कारतूस की होगी जांच
सभी जिलों की पुलिस लाइन में कैंप लगाकर कारतूस और खोखे की चेकिंग होगीकई साल से पुलिस असलहों के कारतूसों की कालाबाजारी की शिकायतें मिल रही हैं।उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में सरकारी असलहों के दुरुपयोग को रोकने के लिए पुलिस विभाग बड़ा कदम उठाने जा रहा है. प्रदेश के पुलिस मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने शासन को सुझाव दिया है कि सभी जिलों की पुलिस लाइन में कैंप लगाकर हर एक असलहे पर दर्ज कारतूस और खोखे की चेकिंग कराई जाए. डीजीपी ने यह सुझाव जांच संबंधी सितंबर में अभियान चलाया जाने का शासनादेश जारी होने के बाद दिया है।
दरअसल, पिछले कई सालों से पुलिस के सरकारी असलहों के कारतूसों की कालाबाजारी की शिकायतें मिलती रही हैं और यह कारतूस अपराधियों से लेकर आम आदमी तक पहुंच जाते हैं.
इसकी वजह से सरकारी विभाग में कारतूसों की कमी तो होती ही है. साथ ही अपराध को बढ़ावा देने की एक गंभीर समस्या बढ़ रही है. इससे निजात पाने के लिए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को लिखे पत्र में डीजीपी ने कुछ जिलों में फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाए जाने के मामलों को बेहद गंभीर बताया है.
जानकारी के मुताबिक फर्जी लाइसेंस पर फर्जीवाड़ा करके उनकी सरकारी दस्तावेजो मे एंट्री भी करा ली गई और अब उनको सरकारी विभाग से कारतूस भी मुहैया होते हैं. लिहाजा यह पूरा नेटवर्क बड़े स्तर पर काम कर रहा है.
डीजीपी ओपी सिंह को आशंका है कि कहीं यह नेटवर्क पुलिस विभाग के पुलिसकर्मियों को भी अपनी चपेट में ले चुका हो और कारतूस की सप्लाई के लिए यहां से भी कारतूस ना दिए जाते हो. इसी आशंका के चलते डीजीपी ने कैंप लगाकर शस्त्र लाइसेंस, कारतूस और उसके रखरखाव को लेकर जांच करने की वकालत की है।
श्री न्यूज़ 24
आलोक कुमार वर्मा
लखीमपुर
उत्तर प्रदेश प्रदेश के पुलिस मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने सुझाव दिया है कि सभी जिलों की पुलिस लाइन में कैंप लगाकर हर एक असलहे पर दर्ज कारतूस और खोखे की चेकिंग कराई जाए
सरकारी असलहों के दुरुपयोग को रोकने को उठाया कदम, कारतूस की होगी जांच
सभी जिलों की पुलिस लाइन में कैंप लगाकर कारतूस और खोखे की चेकिंग होगीकई साल से पुलिस असलहों के कारतूसों की कालाबाजारी की शिकायतें मिल रही हैं।उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में सरकारी असलहों के दुरुपयोग को रोकने के लिए पुलिस विभाग बड़ा कदम उठाने जा रहा है. प्रदेश के पुलिस मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने शासन को सुझाव दिया है कि सभी जिलों की पुलिस लाइन में कैंप लगाकर हर एक असलहे पर दर्ज कारतूस और खोखे की चेकिंग कराई जाए. डीजीपी ने यह सुझाव जांच संबंधी सितंबर में अभियान चलाया जाने का शासनादेश जारी होने के बाद दिया है।
दरअसल, पिछले कई सालों से पुलिस के सरकारी असलहों के कारतूसों की कालाबाजारी की शिकायतें मिलती रही हैं और यह कारतूस अपराधियों से लेकर आम आदमी तक पहुंच जाते हैं.
इसकी वजह से सरकारी विभाग में कारतूसों की कमी तो होती ही है. साथ ही अपराध को बढ़ावा देने की एक गंभीर समस्या बढ़ रही है. इससे निजात पाने के लिए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को लिखे पत्र में डीजीपी ने कुछ जिलों में फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाए जाने के मामलों को बेहद गंभीर बताया है.
जानकारी के मुताबिक फर्जी लाइसेंस पर फर्जीवाड़ा करके उनकी सरकारी दस्तावेजो मे एंट्री भी करा ली गई और अब उनको सरकारी विभाग से कारतूस भी मुहैया होते हैं. लिहाजा यह पूरा नेटवर्क बड़े स्तर पर काम कर रहा है.
डीजीपी ओपी सिंह को आशंका है कि कहीं यह नेटवर्क पुलिस विभाग के पुलिसकर्मियों को भी अपनी चपेट में ले चुका हो और कारतूस की सप्लाई के लिए यहां से भी कारतूस ना दिए जाते हो. इसी आशंका के चलते डीजीपी ने कैंप लगाकर शस्त्र लाइसेंस, कारतूस और उसके रखरखाव को लेकर जांच करने की वकालत की है।
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