जनपद लखीमपुर खीरी में योगी सरकार की गौशालाओं की व्यवस्था हुई ध्वस्त
जनपद लखीमपुर खीरी में योगी सरकार की गौशालाओं की व्यवस्था हुई ध्वस्त
श्री न्यूज24
आर पी गौतम
गोला गोकर्णनाथ
जनपद लखीमपुर खीरी में योगी सरकार की गौशालाओं की व्यवस्था हुई ध्वस्त लखीमपुर खीरी की ब्लाक कुंभी के अंतर्गत ग्राम सभा मढ़िया मे जिले का सबसे बड़ा क्षेत्रफल में जाने जाना वाला गौशाला में जानवरों की आय दिन मृत्यु हो रही है क्योंकि गौशाला का क्षेत्रफल बड़ा है परंतु उस गौशाला में जानवरों के खाने हेतु कोई भी सुविधा नहीं है न ही पीने हेतु जल की व्यवस्था तथा छाया हेतु जानवरों की बैठने हेतु व्यवस्था भी नहीं है शासन गौशाला के लिए अनन्य सुविधाएं करने का प्रयास करती है परंतु गौशाले तक वह सुविधा नहीं पहुंच पाती है सरकार से आई हुई धनराशि आखिर बीच में कहां चली जाती है योगी सरकार भ्रष्टाचार पर काफी तेजी के साथ लगाम लगाने का प्रयास कर रही है परंतु फिर भी अधिकारी कर्मचारी सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं आपको बताते चलें जब मीडिया टीम को गौशाला को देखने हेतु ग्रामीणों ने बुलाया तो बने हुए गौशाला की कमिया बताना चालू कर दिया वहां के पीड़ित किसान ने आपबीती बताते हुए कहा यहां का गौशाला सिर्फ क्षेत्रफल में बड़ा है परंतु जानवरों के खाने हेतु कोई भी सुविधा नहीं है जो लोग गौशाला का कार्यभार संभालने वाले कर्मचारी सारे जानवरों को रात में छोड़ देते हैं और वह हम किसानों की फसल नष्ट करते नजर आते हैं हम किसान लोग कर्जा लेकर अपनी जमीन में पैसा लगाते हैं जब फसल ही नहीं रहेगी तो हम लोग कर्ज कैसे चुकाएंगे आपको बताते चलें गौशाला में तालाब तो है परंतु उनमें जानवरों को पीने हेतु जल की व्यवस्था नहीं है गौशाला में बने तालाब सभी सूखे पड़े हुए हैं इन्हीं कारणों से आए दिन एक या दो जानवरों की मृत्यु होती रहती है जानवरों की दवाई करने हेतु वहां पर पशु चिकित्सक कभी भी नहीं आता है जब गौशाला के जानवरों का इलाज हेतु कोई समस्या होती है तो अपने चेलों को भेज कर खानापूर्ति करा देता है इसी बीच जब ग्राम प्रधान से गौशाला हेतु जानकारी ली गई तो उन्होंने खुले शब्दों में बताते हुए कहा हमने तहसील के समस्त अधिकारियों को गौशाला हेतु समस्याओं की जानकारी दे दी थी परंतु गौशाला हेतु अब तक कोई भी सुविधा नहीं की गई ग्राम प्रधान का कहना है कि हमारे पास एक भी बीघा जमीन नहीं है नहीं तो हम उस जमीन को बेचकर गौशाला हेतु पैसा लगा देते मेरी ग्राम निधि में सिर्फ ₹100 पड़े होंगे जबकि आपको बताते चलें ग्राम प्रधान द्वारा कहा गया कि हमारे पास एक भी पैसा नहीं है जब प्रधान के पास पैसा नहीं है तो मकान का कार्य महल जैसा कैसे बन गया भ्रष्टाचार में लिप्त ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा गौशाला में जानवरों के खाने हेतु आई हुई धनराशि का भी बंदरबांट बराबर बराबर कर लेते हैं जबकि जिला अधिकारी खीरी द्वारा यह भी आदेश पारित किया गया कि गौशाला की अव्यवस्था होने पर ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी तथा लेखपाल के ऊपर विधिक कार्रवाई की जाएगी अब देखना यह है कि जिले में सबसे बड़ा क्षेत्रफल में बना गौशाला में अनियमितताओं व सरकारी राजस्व का ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा खुलेआम बंदरबांट होने पर और जानवरों के मरने पर आला अधिकारी क्या करते हैं तथा शासन की तरफ से गौशाला हेतु क्या सुविधाएं प्रदान की जाएंगी
श्री न्यूज24
आर पी गौतम
गोला गोकर्णनाथ
जनपद लखीमपुर खीरी में योगी सरकार की गौशालाओं की व्यवस्था हुई ध्वस्त लखीमपुर खीरी की ब्लाक कुंभी के अंतर्गत ग्राम सभा मढ़िया मे जिले का सबसे बड़ा क्षेत्रफल में जाने जाना वाला गौशाला में जानवरों की आय दिन मृत्यु हो रही है क्योंकि गौशाला का क्षेत्रफल बड़ा है परंतु उस गौशाला में जानवरों के खाने हेतु कोई भी सुविधा नहीं है न ही पीने हेतु जल की व्यवस्था तथा छाया हेतु जानवरों की बैठने हेतु व्यवस्था भी नहीं है शासन गौशाला के लिए अनन्य सुविधाएं करने का प्रयास करती है परंतु गौशाले तक वह सुविधा नहीं पहुंच पाती है सरकार से आई हुई धनराशि आखिर बीच में कहां चली जाती है योगी सरकार भ्रष्टाचार पर काफी तेजी के साथ लगाम लगाने का प्रयास कर रही है परंतु फिर भी अधिकारी कर्मचारी सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं आपको बताते चलें जब मीडिया टीम को गौशाला को देखने हेतु ग्रामीणों ने बुलाया तो बने हुए गौशाला की कमिया बताना चालू कर दिया वहां के पीड़ित किसान ने आपबीती बताते हुए कहा यहां का गौशाला सिर्फ क्षेत्रफल में बड़ा है परंतु जानवरों के खाने हेतु कोई भी सुविधा नहीं है जो लोग गौशाला का कार्यभार संभालने वाले कर्मचारी सारे जानवरों को रात में छोड़ देते हैं और वह हम किसानों की फसल नष्ट करते नजर आते हैं हम किसान लोग कर्जा लेकर अपनी जमीन में पैसा लगाते हैं जब फसल ही नहीं रहेगी तो हम लोग कर्ज कैसे चुकाएंगे आपको बताते चलें गौशाला में तालाब तो है परंतु उनमें जानवरों को पीने हेतु जल की व्यवस्था नहीं है गौशाला में बने तालाब सभी सूखे पड़े हुए हैं इन्हीं कारणों से आए दिन एक या दो जानवरों की मृत्यु होती रहती है जानवरों की दवाई करने हेतु वहां पर पशु चिकित्सक कभी भी नहीं आता है जब गौशाला के जानवरों का इलाज हेतु कोई समस्या होती है तो अपने चेलों को भेज कर खानापूर्ति करा देता है इसी बीच जब ग्राम प्रधान से गौशाला हेतु जानकारी ली गई तो उन्होंने खुले शब्दों में बताते हुए कहा हमने तहसील के समस्त अधिकारियों को गौशाला हेतु समस्याओं की जानकारी दे दी थी परंतु गौशाला हेतु अब तक कोई भी सुविधा नहीं की गई ग्राम प्रधान का कहना है कि हमारे पास एक भी बीघा जमीन नहीं है नहीं तो हम उस जमीन को बेचकर गौशाला हेतु पैसा लगा देते मेरी ग्राम निधि में सिर्फ ₹100 पड़े होंगे जबकि आपको बताते चलें ग्राम प्रधान द्वारा कहा गया कि हमारे पास एक भी पैसा नहीं है जब प्रधान के पास पैसा नहीं है तो मकान का कार्य महल जैसा कैसे बन गया भ्रष्टाचार में लिप्त ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा गौशाला में जानवरों के खाने हेतु आई हुई धनराशि का भी बंदरबांट बराबर बराबर कर लेते हैं जबकि जिला अधिकारी खीरी द्वारा यह भी आदेश पारित किया गया कि गौशाला की अव्यवस्था होने पर ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी तथा लेखपाल के ऊपर विधिक कार्रवाई की जाएगी अब देखना यह है कि जिले में सबसे बड़ा क्षेत्रफल में बना गौशाला में अनियमितताओं व सरकारी राजस्व का ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा खुलेआम बंदरबांट होने पर और जानवरों के मरने पर आला अधिकारी क्या करते हैं तथा शासन की तरफ से गौशाला हेतु क्या सुविधाएं प्रदान की जाएंगी
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