Click now

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में चल रहे मानक विहीन विद्यालय

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में चल रहे मानक विहीन विद्यालय

श्री न्यूज़ 24
आलोक कुमार वर्मा

लखीमपुर,खीरी

शासन द्वारा शिक्षा को लेकर तरह तरह की योजना चलाई जा रही हैं सरकारी स्कूलों के साथ साथ निजी स्कूल को भी मान्यता देकर संचालित कराये जा रहे हैं इसके लिए शासन ने मानक भी तय कर दिए हैं मानकों के अनुसार प्राथमिक विद्यालय के लिए निर्धारित कमरे खेल के मैदान पेयजल शौचालय आदि निर्धारित किए हैं इसके साथ साथ प्रत्येक विद्यालय में प्रशिक्षित अध्यापकों की अनिवार्यता भी लागू की गई है साथ ही मान्यता के अनुरूप ही कक्षाएं संचालित कराने की व्यवस्था के आदेश निर्गत किए गए हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों की अनदेखी व लोलुपता के चलते इस पर अमल नहीं किया जा रहा है आलम यह है कि ब्लॉक क्षेत्र में कई गांव में बिना मान्यता के विद्यालय चल रहे हैं इसके साथ- साथ शायद ही कोई ऐसा विद्यालय हो जिसमें मान्यता से अधिक कक्षाएं न चलती हो।ऐसा भी नहीं है कि इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को न हो इसके अलावा शायद ही किसी विद्यालय में मानक पूरे दिखाई पड़े अधिकतर विद्यालयों में टीन शेड के नीचे बच्चों को शिक्षा दी जाती है अधिकतर विद्यालयों में अग्निशमन यंत्र भी दिखाई नहीं देते जिससे किसी भी बड़ी वारदात होने का अंदेशा बना रहता है खेल का मैदान न होने के कारण बच्चों का सर्वांगीण विकास प्रभावित होता है। शायद शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शासन का डर नहीं लगता है। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि विद्यालय में एनसीटीई के अनुरूप पुस्तकों से शिक्षा दी जाए लेकिन भारी कमीशन के चलते ज्यादातर विद्यालयों में प्राइवेट प्रकाशन की पुस्तकें खरीदने के लिए बच्चों को विवश किया जाता है जिससे अभिभावक त्रस्त है।ज्यादतर विद्यालयों में अप्रशिक्षित शिक्षक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं जिससे विद्यार्थियों का भविष्य चौपट हो रहा है शायद शिक्षा विभाग के अधिकारियों को यह सब देखने की फुर्सत नहीं है जबकि शासन ने प्रत्येक विकास खंड पर एक अधिकारी की नियुक्ति कर रखी है अब देखना यह है कि संबंधित अधिकारी कब तक इस ओर ध्यान देंगे ।
मान्यता विहीन विद्यालयों की जानकारी करने पर खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा क्षेत्र में जांच कराई गई थी जिसके आधार पर कई विद्यालय बगैर मान्यता के चलते हुए पाए गए हैं उनको नोटिस जारी कर दिया गया है इसके अतिरिक्त हमें कोई जानकारी नहीं है।
 यहां पर सवाल यह है जिम्मेदार खंड शिक्षा अधिकारी का यह बयान कितना हास्य पद है उनका बयान सच्चाई से काफी दूर है धरातल पर क्षेत्र में दर्जनों विद्यालय बगैर मान्यता के चलते हुए देखे जा सकते हैं और जिन विद्यालयों में कक्षा 5 व कक्षा 8 तक की मान्यता है उनमें कक्षा 10 और कक्षा 12 तक कक्षाएं संचालित की जा रही हैं इन विद्यालयों में विद्यार्थियों की स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है |तथा क्षेत्र के नामचीन कालेजों में इंटरमीडिएट विज्ञान वर्ग जैसे विषयों का संचालन बगैर मान्यता के किया जा रहा है|सोचनीय है कि शिक्षा का स्तर क्या होगा जब क्षेत्र में प्रयोगात्मक विषयों का संचालन बगैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों में डग्गामारी के आधार पर चल रहा है।

No comments